MP के इस आदिवासी गांव में जख्मों पर मलहम की जगह लगाई जाती है मिर्ची
बालाघाट के आदीवासी बहुल गांव सुकलदंड के ग्रामीण अपने घाव पर मलम नही बल्कि मिर्ची लगाते है
बालाघाट के आदीवासी बहुल गांव सुकलदंड के ग्रामीण अपने घाव पर मलम नही बल्कि मिर्ची लगाते है। उनका मानना है कि ऐसा करने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है। कुछ ऐसा ही देशी उपचार करते एक महिला का देखा गया, जिसने अपने पाव में लगी चोट पर मिर्च लगाई थी।
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अगर आपको कोई घाव हो जाए तो जाहिर सी बात है आप उस घाव में मलहम लगाएंगे, जिससे वह जल्दी ठीक हो जाए। लेकिन बालाघाट जिले के आदिवासी कई तरह के नुस्खे अपनाते है। इन्ही में से एक आदिवासी महिला को अपने पाव में लगी चोट के इलाज के लिए मिर्च पाउडर लगाते हुए देखा गया। ग्राम सुकलदंड के ग्रामीण घाव या चोट वाली जगह पर किसी मलहम का नही बल्कि मिर्च का प्रयोग करते है और ऐसा करने से उनके घाव जल्दी ठीक हो जाते है।
शरीर के जख्म पर मिर्च लगाना, इसकी कल्पना मात्र से ही दर्द महसूस होने लगेगा, लेकिन इस महिला के चेहरे पर दर्द जैसी कोई कशिश तक देखने नहीं मिली… चेहरे पर मुस्कान यह बताती है कि उनके लिए जख्म पर मिर्च लगाने का यह इलाज बेहद सरतिया इलाज है…आपको बता दे कि यह बुजुर्ग महिला सुकलदंड की रहने वाली है, जो बीते दिनों ऑटो से गिर गई थी जिसके बाद उसके पाव में एक गहरा घाव हो गया था। जो अपने हाथो से उस घाव पर मिर्च लगाते हुए नजर आ रही है। जब उस बुजुर्ग महिला से पूछा गया कि आप घाव पर मिर्च क्यों लगा रहे है तो बड़ी ही आसानी से उस महिला ने हसते हुए जवाब दिया कि इससे घाव में पानी नहीं लगता और जल्दी ठीक होता है।